गेहूं की एमएसपी रेट पर खरीद में पंजाब हरियाणा मध्य प्रदेश सबसे आगे, अन्य राज्यों में गेहूं खरीद में सुस्त।
गेहूं की एमएसपी रेट पर खरीद पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा गेहूं की खरीद की गई है जबकि यूपी, राजस्थान, उत्तराखंड और बिहार हैं काफी पीछे रह गए हैं। देश के आठ राज्यों में रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं की सरकारी खरीद जारी है, लेकिन सिर्फ तीन राज्यों में ही केंद्र द्वारा तय किया गया टारगेट पूरा होता दिख रहा है, इनमें पंजाब, मध्य प्रदेश और हरियाणा शामिल हैं। बाकी में एमएसपी पर गेहूं खरीदने की रफ्तार बहुत सुस्त है, मंडियां सूनी पड़ी हुई हैं।
गेहूं की एमएसपी रेट पर खरीद में अग्रणी राज्य
गेहूं की सरकारी खरीद पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा खरीद हो रही है. जबकि देश के सबसे बड़े गेहूं उत्पादक सूबे उत्तर प्रदेश में अब तक किसान एमएसपी पर गेहूं बेचने के मूड में नहीं दिख रहे हैं। इन राज्यों में पिछड़ी खरीद एफसीआई से मिले आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में 28 अप्रैल तक सिर्फ 1,13,028 मीट्रिक टन ही गेहं खरीदा गया है, जबकि लक्ष्य 35 लाख मीट्रिक टन का है, खरीद की रफ्तार से लगता नहीं कि लक्ष्य पूरा होगा, यहां 15 जून तक खरीद जारी रहेगी।
बिहार राजस्थान में गेहूं की खरीद
बिहार में अब तक सिर्फ 255 मीट्रिक टन ही गेहूं खरीदा गया है, जबकि लक्ष्य 10 लाख मीट्रिक टन का है बिहार अक्सर एमएपी पर गेहूं खरीदने में फिसड्डी रहा है इस साल 30 जून तक खरीद होनी है। राजस्थान में 5 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य है, जबकि 28 अप्रैल तक सिर्फ 63,816 मीट्रिक टन की ही खरीद हो पाई है, यहां भी 30 जून तक खरीद का कार्यक्रम चलेगा, यहां सरसों और चने की खरीद भी काफी सुस्त गति से चल रही है। उत्तराखंड में 28 अप्रैल तक सिर्फ 126 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है. जबकि केंद्र ने यहां के लिए 2 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य तय किया है, खरीद 30 जून तक चलेगी, लेकिन वर्तमान रफ्तार को देखते हुए इसे पूरा करना आसान नहीं दिखाई दे रहा है।
पिछ्ले साल गेहूं एमएसपी रेट से ऊपर बिकी।
पिछले साल कम हुई थी खरीद साल 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते हमने जमकर कई देशों में गेहूं एक्सपोर्ट किया और उसके बाद रही-सही केसर हौटवेव ने पूरी कर दी, जिसके कारण उत्पादने में गिरावट आ गई थी, ऐसे में किसान एमएसपी से ऊपर दाम पर व्यापारियों को गेहूं बेच रहे थे, लेकिन इस साल हालात बदले हैं, सरकार ने मई 2022 में गेहं एक्सपोर्ट पर लगायी गया बैन अब तक हटाया नहीं है, इसलिए किसानों को ओपन मार्केट में पहले जैसा भाव नहीं मिल पा रहा है।
ये भी पढ़ें 👉 गेहूं चना मूंग मोठ मसूर आदि दिल्ली मार्केट
ये भी पढ़ें 👉 खाद्य तेलों में गिरावट सरसों पर क्या असर
सोशल मीडिया व्हाट्सअप ग्रुप से जुड़े 👉 ज्वाइन करें